कईं बार जी करता है अपनी खुली छत की जवानी को'Boundary-Wall' की लगाम से बाँध दूँ कईं बार जी करता है अपनी खुली छत की जवानी को'Boundary-Wall' की लगाम से बाँध दूँ
इश्क़ ऐसा कैद था पिंजरे में की कभी आजाद ही ना हुआ। इश्क़ ऐसा कैद था पिंजरे में की कभी आजाद ही ना हुआ।
क्यों वह औरतों की स्टीरियोटाइप इमेज को ही पसंद करती है? क्यों वह औरतों की स्टीरियोटाइप इमेज को ही पसंद करती है?
धूप में सुनहरी छाँव की तरह रहती है वो नगमें प्यार के लबों से अपने कहती है वो। धूप में सुनहरी छाँव की तरह रहती है वो नगमें प्यार के लबों से अपने कहती है वो।
सबका ही पेट भरता है,रब सबका ही ध्यान रखता है,रब चींटी हो या कोई कुंजर हो। सबका ही पेट भरता है,रब सबका ही ध्यान रखता है,रब चींटी हो या कोई कुंजर ...
कठिन शारीरिक मेहनत के पर्याय हैं वो, झुलसाती धूप को सह ले वह लौह स्तंभ हैं वो। कठिन शारीरिक मेहनत के पर्याय हैं वो, झुलसाती धूप को सह ले वह लौह स्तंभ हैं ...